Wednesday 18 July 2018

प्रेसिडेंट मैडल ऑफ फ़्रीडम:नेल्सन मंडेला

    व्यक्ति की अच्छाई एक ऐसी लौ है, जो छुप तो सकती है पर कभी बुझ नहीं सकती।
  नेल्सन रोलीह्लला मंडेला का यह कथन एक दम उचित है और स्वयं उनके ऊपर यह सही जान पड़ता है, क्योंकि उनकी मृत्यु होने के बाद भी उनकी विचारधारा तथा उनके द्वारा किए गए काम आज भी जीवित हैं।

आज यानी 18 जुलाई 1918 मे म्वेज़ो,केप प्रांत दक्षिण अफ्रीका में इनका जन्म हुआ था आज उनका 100वाँ जन्मदिन है। नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले दक्षिण अफ्रीका मे सदियों से चले आ रहे रंगभेद का विरोध किया था। वह अफ्रीकी नेशनल कंग्रेस और इसके सशस्त्र गुट [उमखोंतो वे सिजवे ]के अध्यक्ष रहे । रंगभेद का विरोध संघर्ष करने के कारण उन्हें अपने जीवन के 27 साल रॉवेन द्वीप के कारागार में बिताने पड़े जिसके कारण वह दक्षिण अफ्रीका तथा विश्व में रंगभेद का विरोध करने का प्रतीक बन गए। 1990 मे श्वेत सरकार से हुए समझौते के पश्चात उन्होंने नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अंहिसक मार्ग के समर्थक थे , उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्त्रोत माना था और उनसें अहिंसा का पाठ सीखा था।
उन्हें लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक (राष्ट्रीय मुक्ति दाता और उद्घारकर्ता) के रुप में देखा जाता है। दक्षिण अफ्रीका मे प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिए एक सम्मान -सूचक शब्द हैं। 95 वर्ष की उम्र मे 5 दिसंबर 2013 को सक्रंमण होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके महान व्यक्तिव के कारण सयुंक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया।
                     
                         अंजली चौहान

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