भारत कि बढती जनसंख्या का प्रभाव समय समय पर देखने को मिलता है। इसका
एक बहुत बड़ा प्रभाव शिमला मे पानी की कमी के रूप मे देखने को मिलता है। वहाँ की जनसंख्या
वृद्धि और भरी टूरिस्ट की संख्या ने जल कमी की एक भारी विपत्ति खड़ी कर दी है। पानी
की कमी के चलते कई जगह प्रदर्शन भी किए गए हैं। कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव
करने की भी कोशिश की। जगह-जगह प्रदर्शन होने के बाद हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
ने अब इस समस्या से खुद निपने का निर्णय लिया।
यहाँ के होटलों को पानी की
कमी के कारण जूझना पड़ रहा है। कई होटलों ने तो बूकिंग भी बंद कर दी है। वर्तमान पानी
की जरूरत 45 मिलियन लीटर प्रतिदिन है पर पानी की पूर्ति केवल 20 मिलियन लीटर प्रतिदिन
ही हो पा रही है।
ये केवल एक समस्या नही है जो
जनसंख्या वृद्धि के कारण हो रही है, बेरोजगारी, प्रदूषण मे वृद्धि, अपराध मे बढ़ोतरी, गरीबी भी एक समस्या बन कर सामने आई है। इन सभी समस्याओं से निपटान के लिए
जनसंख्या नियंत्रण करना बेहद अवश्यक है अन्यथा संसाधनो की कमी का सामना करना पड़ता रहेगा।