Tuesday 31 July 2018

प्रेमचंद : एक दौर


    उर्दू और हिन्दी के महान भारतीय लेखक प्रेमचंद का जन्म आज के दिन 31 जुलाई 1880 में हुआ था इनका जन्म स्थल लमही ग्राम, वाराणसी , उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रेमचंद का हिन्दी साहित्य में जो योगदान हैं वह अतुल्यनीय हैं। उनके हिन्दी उपन्यास में दिए योगदान के कारण उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि दी गई हैं। उन्होंने हिंदी में यथार्थवाद की शुरुआत की। प्रेमचंद ने सामाजिक विषयों पर रचनाएँ की जो सीधे समाज की व्यवस्था पर चोट करती है । वह विधवा - विवाह के समर्थक थे तथा उन्होंने अपना दूसरा विवाह अपनी प्रगातिशील परंपरा के अनुरूप बाल- विधवा शिवरानी देवी से किया । प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं से हिंदी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसनें पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया । वह संवेदनशील लेखक , कुशल वक्ता , विद्वान संपादक तथा सचेत नागरिक थे। उनकी सभी पुस्तकों के अंग्रेजी व उर्दू रुपांतरण तो हुए ही हैं , साथ  ही चीनी , रुसी आदि अनेक विदेशी भाषाओं में उनकी कहानियाँ लोकप्रिय हुई हैं। प्रेमचंद द्वारा रची गई कहानियाँ व उपन्यास अगामी पीढ़ी के लिए प्रेरणा श्रोत हैं।


                            अंजली चौहान

संसद मानसून सत्र 26 जुलाई 2018

   गृह मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में भारतीय दंड संहिता , भारतीय साक्ष्य अधिनियम,1872, आपराधिक प्रक्रिया संहिता , 1973 में संशोधन और यौन अपराध अधिनियम से बच्चों का संरक्षण में संशोधन के लिए एक विधेयक आगे बढ़ाएगें ।
 केंद्रीय महिला एंव बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के द्वारा लोकसभा में 26 जुलाई 2018 को एंटी तस्करी विधेयक पेश किया गया ,जो मानव तस्करी के पीड़ितों की रक्षा और पुनर्वास के समर्थन में हैं तथा अपराधियों पर मुकदमा चलाता हैं। यह विधेयक व्यक्तियों की तस्करी ( रोकथाम , संरक्षण व पुनर्वास) मामलों की जाँच के लिए एक राष्ट्रीय एंटी - ट्रैफिकिंग ब्यूरो की स्थापना के लिए प्रस्तुत किया गया है। मेनका गांधी द्वारा पूछा गया कि "मानव तस्करी एक सीमा तक कम अपराध है। विशेष अपराधों पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। जब हम महिलाओं और बच्चों को  माल की तरह बेचें जातें हैं तो हम चुप रह सकतें हैं? "आइए हम इस बिल को आज वास्तविकता के लिए लाखों पीड़ितों की रक्षा और प्रदान करने के लिए एक वास्तविकता बनातें हैं । हम सभी , विशेष रूप से सबसें कमज़ोर एक महिला और बच्चों को उत्तरदायी है। आज हमारें पास पहुँचने का मौका है उन्होंने उन कानूनों की गारंटी दी जो उनकें अधिकारों की गांरटी देतें हैं। उन्होंनें सदस्यों से बिल का समर्थन कर उसे पास काराने का आग्रह किया।
 बिल के समर्थन में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी दृढ़ता से खड़े हुए ।
 शाशि थरुर ने एंटी तस्करी बिल की 'कमियां ' बताई और इसलिए चर्चा के लिए एक संसदीय स्थायी समिति को संदर्भित किया जाना चाहिए।


                                 अंजली चौहान

Sunday 29 July 2018

तनाव

जब परेशानी और तनाव
एक साथ होता है
तब आंखें नम नहीं होतीं, जलती हैं
उसी तरह जब
असंवेदनशीलता और हिंसात्मकता
एक साथ होती है
तब देश जलता है
सोचो!..

                       Saurabh mishra

Friday 27 July 2018

राजधानी दिल्ली में 3 बच्चे भुखमरी के शिकार


 दिल्ली के पूर्व मे स्थित मंडावली इलाके की तीन नाबालिक लड़कियों की भुखमरी के कारण मौत होने का मामला सामने आया है। तीनों लडकियां बहने थी जो अपने माता-पिता के साथ रहती थी पिता रिक्शा चलाने का काम करता है तथा माँ मानसिक रूप से अस्थिर है । तीनों लडकियों के नाम शिखा(8 वर्ष), मानसी(4वर्ष), परुल(2 वर्ष) थे। कथित तौर पर भुखमरी और कुपोषण के कारण उनकी मृत्यु हो गई । बच्चों के पिता उतनी आमदनी नहीं एकत्र कर पाते थे कि पेट भर भोजन कर सकें क्योंकि पिता ड्रग का सेवन करता है जिसके कारण एक मात्र आय का प्राथमिक स्त्रोत भी परिवार ने खो दिया और उसका अपना रिक्शा भी चोरी हो गया जिसके कारण वह अपने मकान मालिक का रिक्शा चलाता था पर वह इससे अपने मकान का किराया नहीं चुका पाया और उसे घर खाली करके अपने दोस्त के घर मंडावली जाने को मजबूर होना पड़ा । पिता नौकरी की तलाश मे बाहर गया था कि पैसे इकट्ठा कर भोजन खरीद सके लेकिन दोपहर मे घर में तीनों लड़कियां एक के बाद एक बेहोश हो कर गिर गई तथा जब उन्हें पास ही के सरकारी अस्पताल लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मौत का कारण सुनिश्चित करने के लिए दो पोस्ट- मॉर्टम करवाए ताकि मौत को लेकर कोई भ्रम न हों। एलबीएस अस्पताल के द्वारा पोस्टमार्टम तैयार किया गया जिसमे बच्चों को अस्पताल ले जाने से 12-18 घंटे पहले उनकी मृत्यु की पुष्टि की गई।
इस तरह तीन बच्चियों की कुपोषण से मृत्यु होना बेहद दुखद हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वीकार किया है कि इन तीन बच्चियों की मौत की जिम्मेदार सरकार है। पी. चिदंबरम ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून की अनदेखी की है। राजधानी दिल्ली में 3 बच्चों की भूख से मौत मानवता को शर्मशार करदेने वाली घटना है। पर केंद्र सरकार क्या आंख मूंदे बैठी है? क्या सरकार भारत को डिजिटल बनाने में इतना खो गयी है कि आम जन उसे दिख ही नही रहे।

अंजली चौहान

Thursday 26 July 2018

शौर्य स्मृति दिवस: शहीदों को श्रद्धांजलि

   26 जुलाई राष्ट्रीय विजय दिवस के रुप मे प्रति वर्ष मनाया जाता है। भारतीय इतिहास में 26 जुलाई भारतीय सेना की शौर्य गाथा गाती है, क्योंकि लगभग 60 दिनों तक यह युद्ध चला तथा 26 जुलाई को भारतीय सेना ने युद्ध विजय प्राप्त कर इसका अंत किया । यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ , हलांकि भारत - पाक संघर्ष होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं ,पंरतु माना जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कारगिल युद्ध मे सबसे अधिक बम बारी दुश्मन सेना पर की गई थी जो भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई । दोनो देशों के बीच हमेशा से तनाव की स्थिति रहती है, पंरतु इसे शांत करने के लिए कई बैठकें करने का वादा किया जाता है और की भी जाती है समय - समय पर , लेकिन पाकिस्तान अपने सैनिकों एवं अर्धसैनिक बलों को छिपाकर भारतीय सीमा के अंदर भेजनें लगा जिसका उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था । शुरुआत में यह महज घुसपैठ मात्र लगा पंरतु इसकी खोज के बाद पता चला कि यह नियोजित रणनीति थी जो बड़े पैमानें पर की गई थी। इसकी सूचना मिलने के तुरंत बाद भारत सरकार ने 2,00,000 सैनिकों को युद्ध के लिए भेजा इसे भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय का नाम दिया। जहाँ पाकिस्तान ने कब्जा किया वहाँ बम गिराए गए तथा भारतीय वायुसेना ने मिग-27 और मिग-29 का उपयोग किया । कई पाकिस्तानी ठिकानो पर मिग-29 की सहायता से आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया। इस भीषण युद्ध में लगभग 2,50,000 रॉकेट और बम का उपयोग किया गया तथा 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों का उपयोग किया गया। करीब दो महीनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सैनिकों मे 527 से अधिक जवान शहीद हुए, पंरतु भारतीय सेना ने साहस और जांबाजी की ऐसी मिसाल प्रस्तुत की, कि जिस पर हर देशवासी को गर्व महसूस होता है।यह युद्ध 26 जुलाई 1999 को आधिकारिक रूप से समाप्त किया गया।
             

                             अंजली चौहान

Wednesday 25 July 2018

हारने का दौर

लाख बार!उजाला
सपनों में रौशनी
लालिमा का परचम
बन कर उभरता है
हार भी जीत ऐसे ही बनती है
बस बदलो अपने जीतने की व्याख्या
हारने का तर्जुमा
तुम हर किसी के जीत में
अपनी जीत तलाश लोगे
तुम फिर कठपुतली नहीं
तुम्हारे सामने सब कठपुतली होंगे
और तुम दूर बैठकर
नज़ारा देखोगे,सब समझोगे
असर नहीं होगा बस
बस तुम सीखोगे
सीखते जाओगे
हर जीत से
औरों के हार से भी
यही विचार रखना
तुम अना* से बच जाओगे
हर बार! हर बार
तुम्हारी ही जीत होगी
हारने का दौर भी
तुम्हारी दौड़ में कहीं पीछे छूट जाएगा..

-Saurabh mishra

Tuesday 24 July 2018

मानसून संसद सत्र 2018


भारत सरकार के द्वारा संसद में  मानसून सत्र की 18 जुलाई 2018 से शुरुआत की गई जो 10 अगस्त 2018 तक अयोजित रहेगा। इस बार के मानसून संसद सत्र 2018 में लोकसभा और राज्यसभा में कुल 18 बिलों कि सूची तैयार की गई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक की है जिसके बाद उन्होंनें मीडिया को बिल का ब्रीफ दिया है। श्री अंनतकुमार जो कि रसायन एंव उर्वरक और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री हैं उनके द्वारा कहा गया है कि सत्र में 18 कार्य दिवस होंगे और सभी राजनीतिक दलों से निवेदन है कि वह इस सत्र को पारित करने में पूरा सहयोग दें। संसद के दोनों सदनों में विचार विमर्श करनें के लिए यह विषय पर चर्चा करेगी जिसमें सरकार संविधान ( एक सौ और बीसवां संशोधन) विधेयक , 2017, मुस्लिम महिलाएं ( विवाह अधिकारों पर संरक्षण ) विधेयक,2017, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों ( अधिकारों के संरक्षण) विधेयक 2016, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक ,2017, बच्चों के अधिकार मुक्त और अनिवार्य शिक्षा ( द्वितीय संशोधन) विधेयक ,2017,और अन्य महत्वपूर्ण बिल लाएगी।
 मानसून सत्र में पारित किए जाने के लिए बिलों की सूची :
1- राज्यसभा द्वारा पारित :
     - व्हिस्ल ब्लॉवर्स प्रोटेक्शन(संशोधन) विधेयक,2015
- पिछड़ा वर्ग ( दोहराव) विधेयक, 2017 के लिए राष्ट्रीय आयोग
[ व्हिस्ल ब्लॉवर्स बिल उन आधारों को निर्दिष्ट करता है जिनके तहत भ्रष्टाचार से सम्बंधित खुलासे सार्वजनिक नहीं किए जा सकतें हैं , जबकि पिछड़ा वर्ग ( दोहराव) विधेयक ,2017 के लिए राष्ट्रीय आयोग पिछड़ा वर्ग अधिनियम , 1993 के राष्ट्रीय आयोग को रद्द करने का प्रस्ताव रखता है। )
 2- दोनों सदनों में पारित :
     - भारतीय प्रंबधन  संस्थान ,2017
  - भ्रष्टाचार रोकथाम ( संशोधन) विधेयक,2013
  - नागरिकता ( संशोधन) विधेयक,2016
  - नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बिल ,2017
  -  वित्तीय संकल्प और जमा बीमा ( एफडीआरआई) विधेयक, 2017
   - प्रंबधन विधेयक, 1990 में श्रमिकों की भागीदारी
  - पूर्वोतर परिषद ( संशोधन) विधेयक,2013
 


                               अंजली चौहान

दो शब्द

दो शब्द
एक अहसास की धूरी पर
दिलचस्प तरीके से इस्तेमाल हो
वो कुछ भी हो सकता है
वो हर वियक्ति का
तुम्हारा केवल तुम्हारा भी
या यूँ कहें! किसी का भी नहीं
वरदान या विलाप
या केवल दो शब्द
चुनने का हक
सबको है इन्हें
और कहूँ नहीं तो?
हक भी बड़ा अजीब है
क्योंकि हक 'शब्द' का भी है
उसे कौन कहे
उसे कौन सुने
बेशक ये दो हों,सैकड़ों हों
दो शब्द हों
बस! दो शब्द

-Saurabh Mishra

Monday 23 July 2018

सवाल



पूछो न
कहो न
क्या??
वही जो
हर कोई
कोई न कोई
कुछ न कुछ
पूछता ही रहता है
कहता ही रहता है
सिलसिला है
तबादला है
पंचायत है
स्कूल है
कॉलेज है
मुल्क है
संसद है
नेता है
अब बताओ
क्या पूछना है
क्या कहना है
वही जो!
कोई न कोई
कुछ न कुछ
पूछता ही रहता है
कहता ही रहता है..

सौरभ मिश्रा

Sunday 22 July 2018

22 जुलाई : राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस

    हमारा देश जिस समय ब्रिटिश सरकार की गुलामी से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष कर रहा था उसी समय स्वतंत्रता सेनानियों को एक ध्वज की आवश्यकता महसूस हुई ताकि ध्वज स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति का प्रतीक बने ।
1904 में पहली बार ध्वज बनाया गया जो कि विवकानंद की शिष्या सिस्टर निवेदिता ने बनाया था , पंरतु ध्वज का सफर यहीं नहीं थमा इसके बाद समय - समय पर इसमें अलग - अलग लोगों द्वारा परिवर्तन कर नए-नए तरह से ध्वज बनायें गए तथा कठिन संघर्ष के बाद ब्रिटिश सरकार से भारत को आज़ादी मिली तो वह लोकतांत्रिक गणराज्य बना जिसका अपना नया संविधान निर्माण किया गया और एक राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकृत करने की आवश्यकता पड़ी , जिसके फलस्वरूप आज अर्थात 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को भारत के संविधान द्वारा अपनाया(अंगीकृत )गया । तिरंगे के अभिकल्पनाकर्ता पिंगलि वेकय्या हैं और उन्होंने इसकी रुप रेखा कुछ इस प्रकार बनाई है कि तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग , बीच में सफ़ेद और नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में हैं और इसी तीन रंग के कारण इसे तिरंगा कहा जाता हैं । चूंकि यह संविधान द्वारा अंगीकृत है इसलिए इसे राष्ट्रीय ध्वज की उपाधि मिली है। ध्वज जिसे आम बोलचाल की भाषा में झण्डा कहा जाता हैं इस झण्डे की चौड़ाई व लम्बाई 2:3 अनुपात की हैं। सफ़ेद पट्टी के केंद्र में गहरा नीले रंग का चक्र है , जिसे सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्ष फलक के चक्र प्रारुप को झण्डे  में लिया गया हैं। चक्र की परिधि सफ़ेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होती है जिसमें 24 तीलियाँ हैं यह तिंरगा सिर्फ एक ध्वज नहीं अपितु भारत की शान हैं।
                 


                           अंजली चौहान

Friday 20 July 2018

सलमा सिर्फ नाम नही एक उम्मीद है।

     शीर्षक की यह पक्तियाँ सलमा जी पर सटीक बैठती हैं। सलमा उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के सलाई गांव की निवासी हैं जिनका मोतियों की माला बनाने का कारोबार है इसमें मोतियों की माला, ब्रेसलेट , इयररिंग, नेकलेस , हेयर बैन्ड आदि शामिल हैं। 55 वर्ष की सलमा का काम करने का जूनुन आज भी वैसा ही है जैसे तब था जब उन्होंने यह काम करने कि शुरुआत की थी हलांकि यह काम उतना आसान नहीं था सलमा एक छोटे से गांव की महिला है जिन्होंनें अपने हस्तशिल्प की कला को पेशे में बदलने का निर्णय किया , पंरतु उनके इस कदम से उन्हें गाँव वालो के ताने, भली - बुरी बातें सुननी पड़ी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वह गाँव की 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ  मोतियों कि माला पिरोने का काम करती हैं।
इससे उन सभी काम करने वाली महिलाओं की आर्थिक तंगी दूर हुई है। सलमा के पति वाहन चालक थे। उनकी तीन बेटियाँ और तीन बेटे हैं जिनकी देखभाल  शिक्षा के लिए पति कि कमाई पूरी नहीं पड़ रही थी और इस समस्या को दूर करने के लिए उन्हें एक परिचित ने मोतियों की माला बनाने के बारे मे बताया । बस यहीं से जीवन के एक नए सफर का आरंभ हुआ । उनके हुनर को आज देश ही नहीं विदेश मे भी पसंद किया जा रहा है नोएडा की एक कंपनी इन महिलाओं द्वारा तैयार किया गया समान लेती है तथा अरब से अमेरिका तक इसके कद्र दानों तक पहुंचाती है । इस तरह प्रति माह सभी की कमाई 10-20 हजार तक हो जाती है।
  सलमा के इस कार्य से उनकी ही नहीं अपितु उन सभी महिलाओं की भी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है जो उनके साथ इस काम से जुड़ी हैं।



                        अंजली चौहान

Thursday 19 July 2018

मालूम नही(कविता)

मालूम नही
क्यों तुम अपने न होकर भी अपने से लगते हो।
क्यों हर सवाल का जवाब तुम तक ले आता है।
एग्जाम में फेल होने से ज्यादा डर तुम्हारा दूर होना लगता है।
क्यों हर रास्ता तुम्हारे घर से गुजरता है।
क्यों ना चाहते हुए भी इस कविता में सिर्फ तुम हो।
मालूम नहीं
पर इतना मालूम है साथ तुम्हारा चेहरे पे मुस्कान ले आता है।
उन तमाम मुसीबतों का समाधान हो जाता है।

Wednesday 18 July 2018

प्रेसिडेंट मैडल ऑफ फ़्रीडम:नेल्सन मंडेला

    व्यक्ति की अच्छाई एक ऐसी लौ है, जो छुप तो सकती है पर कभी बुझ नहीं सकती।
  नेल्सन रोलीह्लला मंडेला का यह कथन एक दम उचित है और स्वयं उनके ऊपर यह सही जान पड़ता है, क्योंकि उनकी मृत्यु होने के बाद भी उनकी विचारधारा तथा उनके द्वारा किए गए काम आज भी जीवित हैं।

आज यानी 18 जुलाई 1918 मे म्वेज़ो,केप प्रांत दक्षिण अफ्रीका में इनका जन्म हुआ था आज उनका 100वाँ जन्मदिन है। नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे जिन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले दक्षिण अफ्रीका मे सदियों से चले आ रहे रंगभेद का विरोध किया था। वह अफ्रीकी नेशनल कंग्रेस और इसके सशस्त्र गुट [उमखोंतो वे सिजवे ]के अध्यक्ष रहे । रंगभेद का विरोध संघर्ष करने के कारण उन्हें अपने जीवन के 27 साल रॉवेन द्वीप के कारागार में बिताने पड़े जिसके कारण वह दक्षिण अफ्रीका तथा विश्व में रंगभेद का विरोध करने का प्रतीक बन गए। 1990 मे श्वेत सरकार से हुए समझौते के पश्चात उन्होंने नए दक्षिण अफ्रीका का निर्माण किया। नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अंहिसक मार्ग के समर्थक थे , उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्त्रोत माना था और उनसें अहिंसा का पाठ सीखा था।
उन्हें लोकतंत्र के प्रथम संस्थापक (राष्ट्रीय मुक्ति दाता और उद्घारकर्ता) के रुप में देखा जाता है। दक्षिण अफ्रीका मे प्रायः उन्हें मदीबा कह कर बुलाया जाता है जो बुजुर्गों के लिए एक सम्मान -सूचक शब्द हैं। 95 वर्ष की उम्र मे 5 दिसंबर 2013 को सक्रंमण होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके महान व्यक्तिव के कारण सयुंक्त राष्ट्र संघ ने उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया।
                     
                         अंजली चौहान

बाजारवाद की नयी सृजनशीलता

भारत अपनी सृजन करने की कला से प्रसिद्ध है। यहाँ कहानी, कविताएँ, ग़ज़ल, नाटक, लघु कहानियों का सृजन होता है। भारत में प्रेमचन्द, अमृता प्रीतम, मन्नू भंडारी, अज्ञेय, दिनकर, सूरदास, कबीर, तुलसीदास जैसे कई सृजनकारों ने बहुत कुछ सृजित किया। अब भी कहानियाँ, कवितायेँ, नाटक लिखे जाते हैं पर उनने सृजित नही किया जाता बल्कि उनका उत्पादन होता है।
 आज बाज़ारवाद इस कदर हावी हो गया है कि एक नए तरह की सामग्री का सृजन हो रहा है पर क्या इसे सृजन कहेंगे? नही यह उत्पादन की श्रेणी में आएगा क्योंकि हम बाजार के लिए सामग्री का उत्पादन कर रहे हैं। शायद इसीलिए आज का साहित्य पुराने साहित्य की तुलना में 'यूज़ एन्ड थ्रो' बनके रह गया है। कबीर के समय के साहित्य की बात करें या दिनकर के, इन समयों में किसी प्रकार का कोई बाजार हावी नहीं था क्योंकि कोई धन अर्जन के लाभ से साहित्य की रचना नही करता था। पर अब साहित्य कैसा भी हो बाजार में बिकने वाला हो। पर एक बड़ा सवाल है कि क्या यह सर्जनात्मकता को अंत की ओर तो नही धकेल रहा? और अगर ऐसा है तो शायद साहित्य एक उत्पादन बनकर रह जायेगा।

Tuesday 17 July 2018

नीम का वृक्ष: एक वरदान

 नीम भारत में मूल रुप से पाया जाने वाला वृक्ष है जो की भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। इसकी औसत लम्बाई 15-20 मीटर , 150-200 वर्ष का जीवन काल होता है। नीम का उपयोग 4000 वर्ष से भी अधिक समय से आयुर्वेद में किया जा रहा है। भले ही इसका स्वाद कड़वा होता है परंतु यह सेहत के लिए लाभकारी है नीम केइस्तेमाल के शारीरिक फायदे तो है ही साथ ही कई धार्मिक मान्यताएं भी इससे जुड़ी है। हिन्दू
मान्यता के अनुसार यह माँ दुर्गा का स्वरूप है जो हर तकलीफ़ को दूर कर देता है कहते है कि देवराज इन्द्र ने जब धरती पर अमृत छिड़का तो इससे नीम के पेड़ का जन्म हुआ और इसमें चमत्कारी गुण आ गए । नीम ऐसा वृक्ष है जिसमें गुणों की खान हैं। ये सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है तथा रोगाणुओं को खत्म करता है। अगर अपने आंगन या घर के आस -पास नीम को लगाया जाए तो यह पूरे परिवार के लिए डॉक्टर के समान साबित होता है जो खुद आ कर देख - रेख करता है।
 आइए जानें इसके  गुणकारी लाभ -
- नीम की छाल का लेप प्रयोग करने से यह सभी प्रकार के चर्म रोगों व घावों के निवारण मे सहायता प्रदान करता है।
- नीम की दातुन करने से दांत व मसूड़े स्वस्थ्य रहते हैं।
- इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते है जो त्वचा पर उम्र के असर को कम करते है।
- हलाकि नीम की पत्तियां कड़वी होती है परतुं इसे चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा  विकार नहीं होता।
- इसकी  पत्तियाँ पानी में उबाल उस पानी से नहाने से त्वचा हर प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रहती है।खासतौर से चेचक के समय नहाने से उसके विषाणु फैलने से यह रोकता है।
- नींबोली (नीम का छोटा सा फल ) और उसकी पत्तियों का तेल निकाल उस तेल से मालिश करना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
- बालों के डैंड्रफ व झड़ते बालों को रोकने के लिए इसकी पत्तियों का लगाने व पानी मे पत्ती डाल कर बाल धोने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- सोते समय दूध में नीम के तेल की कुछ बूंदे डालकर पीए तो ज्यादा पसीना आने तथा जलन होने सम्बन्धी विकारो से निजात मिलता है।
- कपडों मे नीम की पत्तियाँ व तेल की गोलियां रखने से कपडें नमी से खराब नहीं होतें ।
- अनाज मे नीम के पत्ते रखने से कीड़े नहीं लगते ।
 नीम के इतने सारे फायदे होने के कारण इसे अमृत तुल्य माना जाता है।
                   

                            अंजली चौहान

Monday 16 July 2018

इंजीनियर की नौकरी छोड़ बनी गरीब बच्चों की टीचर:शैली तोमर

        वर्तमान समय में जहाँ युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद किसी बडें पद की नौकरी का सपना देखते हैं तथा उसे पूरा करने का हर सभंव प्रयास करते हैं, तो वहीं एक ऐसी शक्शियत है जिन्होंने अपनी नौकरी छोड़ स्लम बच्चों को पढ़ाने का निर्णय किया है और वो शक्शियत शैली तोमर हैं जो
एमसीए करने के बाद निजी कम्पनी में साफ्टवेयर इन्जिनियर की नौकरी करती थीं।पर जब भी वह झुग्गी- बस्ती, टैफिक सिगनल्स, मन्दिर के बाहर या और जगह बच्च्चों को भीख मांगते हुए देखती थी तो उन्हें बहुत बुरा महसूस होता था। शैली से यह देखा नहीं जाता था कि बच्चों के हाथ किताबों की जगह कटोरे है, उन्होंने सोचा की अगर वह इन वचिंत बच्चों के हाथों से भीख का कटोरा हटा कर किताबें थमा दे तो कितना अच्छा हो । इस विचार को काफी समय. तक सोचने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी तथा बच्चों को पढ़ाने लगी। परन्तु यह कार्य उतना असान नहीं था। उन्हें शुरुआत में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा उनकी नौ माह की बेटी है जिसकी देखभाल करने के बाद जो भी समय बचता वह उस समय गरीब बच्चों को पढ़ाने जाती लेकिन जब वह झुग्गी - बस्ती मे गई तो कोई पढ़ने के लिए तैयार नहीं हुआ उनके लिए पहली चुनौती यह रही कि उन्हें बच्चों व उनके अभिभावकों को तैयार करना पड़ा और वह.इस काम मे सफल भी रही,आज जब वह पढ़ाने जाती हैं तो बच्चे पहले से किताबें लिए तैयार रहते है। शैली दिल्ली के दिलशाद गार्डन की निवासी हैं तथा वह दिल्ली के निज़ामुद्दीन बस्ती, शकूर बस्ती सहित कई दूसरी बस्तियों में हफ्तें के दो दिन पढ़ाने जाती हैंं।इस काम को करते हुए उन्हें दो साल का समय हो गया है और जो बच्चे अपना नाम तक नहीं लिख पाते थे वह आज किताबें पढ़ते हैं कविता, कहानियां लिखा करते हैैं ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने पुरानी किताबों का प्रबंध कर रखा है।उन्हें जो सन्तुष्टि नौकरी मे नहीं मिली वो इन बच्चों को पढ़ाने से मिलती है।शैली का ऐसा कार्य समाज के लिए प्रेरणा है तथा ये देश तभी विकास कर सकता है जब सभी वर्ग शिक्षित हों। आर्थिक तन्गी के वजह से आज भी बहुत बच्चे शिक्षा से दूर हैं इन्हें शिक्षित करने मे जितना हम सभी कोशिश करें उतना बेहतर होगा, अन्यथा देश के सर्वांगीण विकास की मात्र कल्पना की जा सकती है वास्तविकता मे नहीं बदला जा सकता।

अंजली चौहान

कुछ देखो अपने आस पास

कुछ देखो अपने आस पास कैसे फसे हैं लोग आज ।
कहने को स्वतन्त्र हैं।।आज फिर भी कुछ ना काम काज ।
जीवन की इस पहेली में आज दूसरों की विचारों के साथ। ।
दूसरों की सुनने के बाद अपना कर ना पाएं काम काज।
कुछ देखो अपने आस पास।।।।।।।
जीवन की हर धारा के पास समाज के हर छोर के पास।
हो कर स्वतन्त्र आज फिर भी कर ना पाए काम काज
ऐसा ही है।कुछ अपना हाल।।
ऐसा ही है। कुछ अपना हाल।।

-:Sunny verma

Saturday 14 July 2018

महिलाएँ: जनसँख्या विस्पोट का शिकार

 बात तो सभी को पता है कि भारत विश्व भर मे दूसरे नंबर की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है तथा यह 
सख्यां दिन - प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। जनसंख्या के इस विस्फोट से बचनें के लिए अनेक प्रयास किए जाते है , देश की शासनव्यवस्था कई जागरुकता कार्यक्रमों से लोगों को जागरुक करने का प्रयास करती है। विश्व स्तर पर भी इस समस्या के निवारण के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है जो कि ग्यारह जुलाई को मनाया जाता है इसके तहत जागरुकता के साथ- साथ जनसंख्या की गणना कर आकड़े एकत्र किए जाते है,अभी तीन दिन पहले ही बुधवार ग्यारह जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया है जिस मौके पर भारत के बच्चों और किशोरों की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।यह रिपोर्ट 10 करोड़ किशोर-किशोरियों पर अध्ययन के आधार पर तैयार की गई है, जो कि चाइल्ड राइट्स एड यू (काई) के द्वारा जारी की गई है।आकडों के अनुसार, देश में स्कूल जाने वाले हर तीन मे से एक बच्चा सही उम्र में 12वीं कक्षा पास करता है।15 से 18 आयुवर्ग के 1.90 करोड़ बच्चे अपनी पढाई छोड़ चुके है अथवा देश मे 92 लाख किशोर -किशोरी विवाहित है जिसमें 15 से 19 वर्ष तक की लड़कियों की सख्या 37 लाख है इनमें से 34 लाख लड़कियाँ माँ बन चुकी है।तो वही 15 से 19 आयुवर्ग की 25 फीसद लड़कियाँ दुष्कर्म का शिकार हुई हैं।15 से 19 आयुवर्ग के 40 फीसद बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं।वर्तमान में 10 करोड़ देश के ऐसे किशोर हैं जो अपने अधिकारों से वंचित हैं।
     बच्चों की ऐसी स्थिति के लिए देश , प्रशासन , समाज सभी जिम्मेदार हैं तथा इसमें सुधार लाने की अतिआवश्यकता है। देश की शिक्षा व्यवस्था नीति मे सुधार लाने की जरूरत है, सामाजिक कुरीतियों, अवधारणाओं मे बदलाव लाने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।किशोरावस्था जीवन की महत्वपूर्ण अवस्था है जिसे बेहतर बनाने के लिए हम सभी को कार्यरत होने की आवश्यकता है।

अंजली चौहान

Friday 13 July 2018

चरमराती भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था

मानव जीवन की सबसे अमूल्य वस्तु अगर कुछ है तो वो है उसका स्वास्थ। वैसे भी कहा जाता है ‘तन चंगा तो मन चंगा’।लेकिन जिस तरह से भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है। लोग तरह-तरह की बिमारियों का शिकार हो रहें हैं। स्वास्थ्य संसथानों की हालत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है।डॉक्टरों की संख्या में नीरंतर कमी होती जा रही है।जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है। मानों भारतीय स्वास्थ्य व्यव्स्था भी राजनीति की भेट चढ़ चुकी है। 
हालही में आई सेंट्रल ब्यूरो ऑफ हेल्थ इंटेलिजेंस की रिपोर्ट भी इसी तरफ़ इशारा कर रही है।
जिसमें कहा जा रहा है कि भारत में तकरीबन 5,00,000 डॉक्टरों की जरुरत है।अगर हम इसे और विस्तार से समझे तो प्रति 1000 आबादी पर 1डॉक्टर होना चाहिए।लेकिन यहां स्थिति कुछ अलग ही नज़र आ रही है।अगर हम आंकड़ों पर नज़र ड़ालें तोबिहार में28,391 की आबादी पर डॉक्टर है,यूपी में 19,962 की आबादी पर डॉक्टर है,मध्यप्रदेश में16,996 की आबादी पर 1डॉक्टर है और झारखंड़ में 18,518 की आबादी पर डॉक्टर है। इन आंकड़ों सा ये साफ़ जाहिर होता है स्तिथि कितनी दयनीय है।
इसके अलावा अस्पतालों में होने वाले खर्चों में दिन प्रतिदिन वृध्दि होती जा रही है। हालात इतने खराब हैं कि एक सामान्य या गरीब परिवार की जितनी तीन माह की तनख़्वाह होती है। उतना ही अस्पताल में एक बार भर्ती होने पर खर्च हो जाता है।उदाहरण के तौर पर हम इन राज्यों के अस्पतालों में भर्ती होने पर औसतन होने वाले खर्चों को देख सकते हैं।असम52368,उत्तर प्रदेश 13931, उत्तराखंड33402,बिहार 28058,झारखंड़ 16174और दिल्ली में ये कुल 7737 हैं।
जबकि 2015 से लेकर 2017 तक स्वास्थ्य संबंधी बजट में वृध्दि हुई है।जहां2015 में बजट 1112 करोड़ रू था,2016 में 1397 करोड़ रू थावहीं2017 में इसे बढ़ा कर 1657 कर दिया गया। लेकिन इसके बावजूद न तो स्वास्थ्य संस्थानों की हालत सुधरी और न ही डॉक्टरों की संख्या में कोई वृध्दि हुई है। सवाल यह उठता है कि आखिर ये पैसे जा कहाँ रहें हैं।
आपको याद होगा की मोदी सरकार ने2014 में नए एम्स,2015 में नए एम्स और 2017 में 2 एम्स खोलने का एलान किया था।इसके लिए 148 अरब रुपये का अलग से प्रावधान भी किया गया था।मगर अभी तक सरकार ने अरब रु ही दिेेए हैं।
1956 में पहला एमस बना था।उसके बाद वाजपेयी सरकार ने 2003 में एमस बनानेका एलान किया था।तकरिबन 9साल लगे और 2012 में ये एमस बनकर तैयार हुए।उनकी हालत भी दयनीय हैं।छह एमस में 60 प्रतिशत फैकल्टी नहीं है।80प्रतिशत नॉन फैकल्टी पद खाली हैं।
इस बीच एमस के लिए 1300 पदों का विज्ञापन निकला।इसमें भी मात्र 300 चुने गए और उसमें भी 200 ने ही जॉइन किया।
इन सभी बातों से यह साफ जाहिर होता है कि स्थिति कितनी भयावह है।एक तरह से देखा जाए तो यह जनता के साथ मज़ाक ही हो रहा है।
उपर से जनता इन सब धांधलियों पर कोई सवाल न करे इसलिेए उनके हाथो में 
'आयुष्मान भारत बिमा'नाम का लोलीपोप पकड़ा दिया गया है।अब सवाल यह उठता है। जब डॉक्टर ही नहीं होंगे,अस्पताल ही नहाीं होंगे,तब लोग इन बिमाओ का करेंगे किया? अब ये तो जनता को तय करना है कि कब तक वो इन झूठे जुमलों और वादों में फसती रहेगी।




सौरभ मिश्रा

Thursday 12 July 2018

कर्जा

सरकार कर्जे में आम आदमी कर्जे में।।
कुछ ऐसा कहो की ये देश कर्जे में।।
शहर कर्जे में यहाँ गाँव कर्जे में।।
कुछ तो बात है इस शब्द कर्जे में।।
कर रखा है कब्जा इस शब्द कर्जे ने।।
जकड़ रखा है लोगों को इस शब्द कर्जे ने।।
किसानों के जीवन की हर छार कर्जे में।।
अब तो ऐसा लगता है कि हर काल कर्जे में।।

:-Sunny verma   

शांति, नोबल और मलाला: एक सफर

  मलाला यूसुफजई का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त के स्वात घाटी में हुआ। 11 वर्ष की उम्र मे ही उन्होंने तालिबानी आतंक के बारे मे बीबीसी पर ब्लॉग लिखना
शुरू किया जिसके पश्चात वह स्वात के लोगों के लिए नायिका बन गई। उनकें इन्ही उदारवादी प्रयासो के कारण वे आतंकवादियों के हमले का शिकार बनी।महज 15 साल की आयु में उनके सिर पर गोली मारी गई जिससे वह बुरी तरह घायल हुई तथा अतंर्राष्ट्रीय मीडिया ने इस घटना को खूब  उछाला। गोली लगने के बाद ब्रिटेन में इनका इलाज हुआ।
  जहाँ वह रहा करती थी उस इलाके पर तालिबानियो ने कब्जा कर लिया था जिसके कारण पकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच संघर्ष का दौर चला।यह सब घटना मलाला की आँखों के सामने हो रही थीं जिसे उन्होंने डायरी मे लिखना प्रारंभ किया तथा फिर उन्होंने बीबीसी के लिए लिखना आरम्भ किया।
जिसकें कारण वह दुनिया की नज़रों मे आई।उनका इतनी कम उम्र मे इस प्रकार तालिबान की ज्यादतियों को देखते हुए भी बिना डरे उसकी सच्चाई सामने लाने के लिए ब्लॉग लिखना एक साहसिक काम रहा और उनका यही साहस दुनिया के लिए प्रेरणा बना। 2009 मे न्यूयार्क टाइम्स ने मलाला पर एक फिल्म भी बनाई थी।उनका नागरिकों और महिलाओं के अधिकारों के लिए अपने विचारों को बेबाकी से रखने के लिए उन्हें बहुत से पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया।
   17 वर्ष की कम उम्र मे शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाली वह पहली नोबेल विजेता बनी। इसके साथ-साथ उन्हें कई और सम्मान मिले जिसमें 2011मे पाकिस्तान का राष्ट्रीय शांति पुरस्कार उसके बाद 2011 में ही अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार ,2013 में अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार, साख़ारफ़ (सखारोव)पुरस्कार, 2013 मैक्सिको का समानता पुरस्कार , सयुंक्त राष्ट्र का 2013 मानवाधिकार सम्मान( हृयूमन राइट अवार्ड) से सम्मानित किया गया है। 
                                  अजंली चौहान

Wednesday 11 July 2018

खुशियों की चाबी : मुस्कान

      मुस्कान शब्द मात्र को सुनने या उच्चारण करने से ही चेहरे पर मुस्कुराहट की दस्तक हो जाती है ।मुस्कुराता चेहरा हर मर्ज कि दवा के रूप में काम करता है और यह दवा एक दम मुफ्त है यह हर उम्र के लिए अआवश्यक औषधि है सभी को हमेशा खुशनुमा एवं मुस्कुराते रहना चाहिए परिस्थिति कैसी भी हो चेहरे पर मुस्कान के साथ हर परिस्थिति का सामना कुशलतापूर्वक किया जा सकता है तथा यह व्यक्ति के मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की पहचान है कि वह मुस्कान के साथ जीता है हर स्थिति का सामना मुस्कुरा कर करता है ऐसे
लोग दूसरो के लिए भी प्रेरणा का त्रोत होते हैं ।इस प्रकार मुस्काराहट के साथ जीने से आप मानसिक रुप से स्वस्थ्य रहेंगे व तनाव से भी निजात पाने मे सफलता प्राप्त करेंगे । मुस्कुराहट आपको ही नहीं अपितु आपके आस -पासके लोगों को भी खुश करने का काम करती हैं । अपनी मुस्कान से खप अपने करीबी लोगों को तो प्रभावित करते ही है तथा उसके साथ-साथ जो भी व्यक्ति आपके सम्पर्क में. आएगा उस तक भी आपकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा जो समाज में आपकी अच्छी छवि का प्रतीक है। समाज मे ऐसा व्यक्ति एक आदर्श के रुप मे सभी के समक्ष आएगा। अतः इस प्रकार आपको जो खुशी इस की जीवन शैली से मिलेगी उसका सीधा असर आपकी सेहत व आपकी ज़िन्दगी पर पड़ेगा।
         मुस्कुराने की सलाह डॉक्टर द्वारा भी दी जाती है क्योंकि इसके कई फायदे हैं मानव को शारिरिक रुप से भी यह स्वस्थ्य रखता है।जैसे मुस्कान, हृदय गती को घटाती है एवं शरीर को आराम प्रदान करती है मस्तिष्क को शांत करती है। तनाव जो कि आज की सबसे बड़ी समस्या है इससे भी निजात पाने में मदद मिलती है।वैज्ञानिक रुप से यह सिद्ध हो गया है कि मुस्कुराने से हमारी क्षमता बढती है अथवा आपकी जीवन शैली को सकारात्मकता से भर देती है चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसके कारण वह एक दूसरे के साथ सम्बंधित रहता है ऐसे में एक की मुस्कान दूसरे के लिए सहानुभूति , भरोसे को बढाने का कार्य करती है मुस्कुराता हुआ व्यक्ति हमेशा आकर्षण का केन्द्र होता है जिससे उसकी ओर लोग आकर्षित होते है।मुस्कान सक्रमण के समान है क्योंकि 50% लोग दूसरो के चेहरे की मुस्कान देख कर मुस्कुाराते हैं।इस वजह से मुस्कान एक सक्रामक चिकित्सा बन गया है।माना जाता है कि मुस्कुराने से आयु बढती है तथा आपका मुस्कुाराहट से भरा चेहरा अधिक जवान नज़र आता है।मुस्कुराने के जहां इतने फायदे है तथा नुकसान कुछ भी नहीं तो हमेशा मुस्कुराते रहने मे कोई समस्या तो हैं नहीं तो खुल कर हसंते , मुस्कुराते रहिये क्योंकि यह आपके जीवन को खुशियों से सराबोर कर देगीं और यह ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलेगी।



                         अंजली चौहान

स्ट्रीम के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के बेस्ट कॉलेज।DU

यहां पर नए छात्रों की मदद हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय के बेस्ट कॉलेजों की सूची उनकी स्ट्रीम में विभाजित करके दी जा रही है इसे अधिक से अधिक नये छात्र-छात्राओं तक पहुंचाएं।

Delhi University List of Colleges Rank Wise - Science Stream

1. St. Stephens College

Website
http://www.ststephens.edu/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Sc. Mathematics (Hons), B.Sc. Chemistry (Hons), B.Sc. Physics (Hons), B.Sc. Programme (Physical Science)
Postgraduate Courses:
M.Sc. Chemistry, M.Sc. Physics, M.Sc. Mathematics, M.Sc. Operations Research

2. Ramjas College

Website
http://www.ramjascollege.edu/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Sc. (Hons.) Mathematics, B.Sc. (Hons.) Statistics, B.Sc (Hons.) Botany, B.Sc (Hons.) Zoology, B.Sc. (Hons.) Physics, B.Sc. (Hons.) Chemistry, B.Sc. (Prog.) Life Sciences, B.Sc. (Prog.) Physical Sciences
Post Graduate Courses:
M.Sc. Chemistry, M.Sc. Physics, M.Sc. Mathematics, M.Sc. Zoology, M Sc. Botany, M Sc. Statistics and M Sc. Operational Research.

3. Miranda House College

Website
http://mirandahouse.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Sc. (Hons.) Mathematics, B.Sc (Hons.) Botany, B.Sc (Hons.) Zoology, B.Sc. (Hons.) Physics, B.Sc. (Hons.) Chemistry, B.Sc. (Prog.) Life Sciences, B.Sc. (Prog.) Physical Sciences
Post Graduate Courses:
M.Sc. Chemistry, M.Sc. Physics, M.Sc. Mathematics, M.Sc. Zoology, M Sc. Botany, M Sc. Anthropology

4. Netaji Subhas Institute of Technology

Website
http://www.nsit.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.E. in Electronics and Communication Engineering, B.E. in Computer Engineering, B.E. in Instrumentation and Control Engineering, B.E. in Manufacturing Process and Automation Engineering, B.E. in Mechanical Engineering, B.E. in Information Technology, B.E. in Bio-Technology
Post Graduate Courses:
M.Tech. in Signal Processing, M.Tech. in Information Systems,  M.Tech. in Process Control

5. Deen Dayal Upadhyaya College

Website
http://dducollegedu.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Sc. Life Sciences, B.Sc. Physical Sciences (Chemistry), B.Sc. Physical Sciences (Computer Science), B.Sc. Mathematical Science,
B.Sc. (Hons) Botany, B.Sc. (Hons) Chemistry, B.Sc. (Hons) Computer Science, B.Sc. (Hons) Electronics, B.Sc. (Hons) Mathematics, B.Sc. (Hons) Physics, B.Sc. (Hons) Zoology

6. Shri Guru Teg Bahadur Khalsa College

Website
http://www.sgtbkhalsadu.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Sc. Life Sciences, B.Sc. Physical Sciences, B.Sc. Botany, B.Sc. Chemistry, B.Sc. Electronics, B.Sc. Mathematics, B.Sc. Physics, B.Sc. Zoology

7. Acharya Narendra Dev College

Website
http://andcollege.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B. Sc. (Honours) Biomedical Sciences, B. Sc. (Honours) Botany, B. Sc. (Honours) Chemistry, B. Sc. (Honours) Computer Science, B. Sc. (Honours) Electronics, B. Sc. (Honours) Physics, B. Sc. (Honours) Zoology, B. Sc. (Honours) Mathematics
Postgraduate Courses:
M.Sc. Chemistry, M.Sc. Maths

8. Hansraj College

Website
http://andcollege.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B. Sc. (Honours) Botany, B. Sc. (Honours) Chemistry, B. Sc. (Honours) Anthropology, B. Sc. (Honours) Electronics, B. Sc. (Honours) Physics, B. Sc. (Honours) Zoology, B. Sc. (Honours) Mathematics, B.Sc. Life Sciences, B.Sc. (Honours) Geology, B.Sc. (Honours) Computer Science

9. Hindu College

Website
http://hinducollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B. Sc. (Honours) Chemistry, B. Sc. (Honours) Electronics, B. Sc. (Honours) Physics, B. Sc. (Honours) Zoology, B. Sc. (Honours) Mathematics

10. Kalindi College

Website
http://kalindi.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B. Sc. (Honours) Physics, B.Sc. Life Sciences, B.Sc. (Honours) Physical Sciences, B.Sc. (Honours) Computer Science

Delhi University list of colleges rank wise - Commerce Stream

1. Shri Ram College of Commerce (SRCC)

Website
http://www.srcc.edu/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com (Hons)
Postgraduate Courses:
M.Com

2. Hansraj College

Website
http://www.hansrajcollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com (Hons)
Postgraduate Courses:
M.Com

3. Kirori Mal College

Website
http://www.kmcollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com.
B.Com. (Hons.)

4. Daulat Ram College

Website
http://www.dr.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com.
B.Com. (Hons.)

5. Deen Dayal Upadhyaya College

Website
http://www.dducollegedu.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com (Hons)

6. Bhim Rao Ambedkar College

Website
http://drbrambedkarcollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com
B.Com (Hons)

7. Ramanujan College

Website
http://rcdu.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com
B.Com (Hons)

8. Shaheed Sukhdev College of Business Studies

Website
http://sscbs.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
BBS

9. Hindu College

Website
http://hinducollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com (Hons)
Postgraduate Courses:
M.Com

10. Delhi College of Arts and Commerce

Website
http://dcac.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.Com
B.Com (Hons)

Delhi University list of colleges rank wise - Arts Stream

1. Lady Shree Ram College for Women

Website
http://lsr.edu.in/courses-ba-programme.asp
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. (Honours) Economics, B.A. (Honours) English, B.A. (Honours) Journalism, B.A. (Honours) History, B.A. (Honours) Political Science, B.A. (Programme)

2. College of Arts

Website
http://delhi.gov.in/wps/wcm/connect/Lib_Collegeofart/collegeofarts/home
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science, BA (Hons.) Music, Bachelors in Fine Arts

3. Delhi College of Arts and Commerce

Website
http://dcac.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science, BA (Hons.) Music
Post Graduate Courses:
M.A. English, MA Hindi, MA Sanskrit, MA Economics, MA History, MA Political Science, MA Music, MA Operational Research, MA Bengali,

4. Hindu College

Website
http://hinducollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. (Honours) Economics, B.A. (Honours) English, B.A. (Honours) Sociology, B.A. (Honours) History, B.A. (Honours) Political Science, B.A. (Programme), BA (Honours) Philosophy

5. Atma Ram Sanatan Dharam College

Website
http://www.arsdcollege.net/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science
Post Graduate Courses:
M.A. English, MA Hindi, MA Political Science

6. Ramjas College

Website
http://www.ramjascollege.edu/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science, BA (Hons.) Journalism
Post Graduate Courses:
M.A. English, MA Hindi, MA Sanskrit, MA Economics, MA History, MA Political Science, MA Music, MA Operational Research, MA Bengali,

7. Hansraj College

Website
http://hansrajcollege.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History,

8. Kalindi College

Website
http://kalindi.du.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science, BA (Hons.) Music
Post Graduate Courses:
MA Hindi, MA Sanskrit, MA Political Science

9. Miranda House College

Website
http://mirandahouse.ac.in/
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science, BA (Hons) Bengali, BA (Hons) Geography, BA (Hons) Music, BA (Hons) Sociology
Post Graduate Courses:
M.A. English, MA Hindi, MA Sanskrit, MA Economics, MA History, MA Political Science, MA Music, MA Bengali

10. Sri Venkateswara College

Website
http://www.svc.ac.in/academicpage1.html
Courses Offered
Undergraduate Courses:
B.A. Programme, BA (Hons.) English, BA (Hons.) Hindi, BA (Hons.) Sanskrit, BA (Hons.) Economics, BA (Hons.) History, BA (Hons.) Political Science,

भारत के बड़े नोट नेपाल में अवैध: इंडो-नेपाल मित्रता खतरे में

2016 में हुए विमुद्रीकरण के कारण भारत के विदेशी संबंध पहले ही खराब होते दिखायी दिए थे। नोटबंदी से रातों रात 500 और 1000 के नोट अवैध कर दिए ...