मोदी सरकार
मे 77,000 का लोन घोटाला सामने
आया है। जाने माने अर्थशास्त्री प्रसेनजीत बॉस ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के
मध्यम से इस लोन घोटाले का पता लगाया है। इतने बड़े लोन घोटाले के बावजूद सरकार शांत
बैठी है, सरकार ने इस पर अभी तक कोई भी जांच करने का आदेश नही
दिया है। ‘रेडिफ़’ को दिये साक्षात्कार मे
बॉस ने बताया है की वर्ष 2008-09 मे कुल 1542 करोड़ की बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले सामने
आए थे। वर्ष 2017-18 मे यह आंकड़ा बढ़कर 22,469 करोड़ से ऊपर चला गया है। प्रसेन बॉस के अनुसार अप्रैल
2014 से मार्च 2018 तक, मोदी सरकार मे कुल 77,000 करोड़ का लोन
घोटाला हो चुका है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की सरकार मे लोन घोटाले मे बदोतरी हुई है। बॉस के अनुसार मोदी सरकार मे
हजारों करोड़ का लोन घोटाला हुआ है। बॉस ने यह भी बताया कि है की आरबीआई द्वारा जारी
आंकड़ों मे लोन देने की तिथि का उल्लेख नही है। बॉस ने इन घोटालों का पर्दा फास करने
और इसके गुनहगारों को सजा दिलाने को लेकर भी कहा है।
इससे पहले भी नीरव मोदी पर भारी लोन चोरी का आरोप था। पर जब तक कार्यवाही
की जाती नीरव देश छोड़ चुके थे। देखा जाये तो वर्तमान सरकार के समय रहते इन पर एक्शन
न लेने से इन लोन घोटालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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