नीम भारत में मूल रुप से पाया जाने वाला वृक्ष है जो की भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुतायत में पाया जाता है। इसकी औसत लम्बाई 15-20 मीटर , 150-200 वर्ष का जीवन काल होता है। नीम का उपयोग 4000 वर्ष से भी अधिक समय से आयुर्वेद में किया जा रहा है। भले ही इसका स्वाद कड़वा होता है परंतु यह सेहत के लिए लाभकारी है नीम केइस्तेमाल के शारीरिक फायदे तो है ही साथ ही कई धार्मिक मान्यताएं भी इससे जुड़ी है। हिन्दू
मान्यता के अनुसार यह माँ दुर्गा का स्वरूप है जो हर तकलीफ़ को दूर कर देता है कहते है कि देवराज इन्द्र ने जब धरती पर अमृत छिड़का तो इससे नीम के पेड़ का जन्म हुआ और इसमें चमत्कारी गुण आ गए । नीम ऐसा वृक्ष है जिसमें गुणों की खान हैं। ये सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है तथा रोगाणुओं को खत्म करता है। अगर अपने आंगन या घर के आस -पास नीम को लगाया जाए तो यह पूरे परिवार के लिए डॉक्टर के समान साबित होता है जो खुद आ कर देख - रेख करता है।
आइए जानें इसके गुणकारी लाभ -
- नीम की छाल का लेप प्रयोग करने से यह सभी प्रकार के चर्म रोगों व घावों के निवारण मे सहायता प्रदान करता है।
- नीम की दातुन करने से दांत व मसूड़े स्वस्थ्य रहते हैं।
- इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते है जो त्वचा पर उम्र के असर को कम करते है।
- हलाकि नीम की पत्तियां कड़वी होती है परतुं इसे चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार नहीं होता।
- इसकी पत्तियाँ पानी में उबाल उस पानी से नहाने से त्वचा हर प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रहती है।खासतौर से चेचक के समय नहाने से उसके विषाणु फैलने से यह रोकता है।
- नींबोली (नीम का छोटा सा फल ) और उसकी पत्तियों का तेल निकाल उस तेल से मालिश करना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
- बालों के डैंड्रफ व झड़ते बालों को रोकने के लिए इसकी पत्तियों का लगाने व पानी मे पत्ती डाल कर बाल धोने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- सोते समय दूध में नीम के तेल की कुछ बूंदे डालकर पीए तो ज्यादा पसीना आने तथा जलन होने सम्बन्धी विकारो से निजात मिलता है।
- कपडों मे नीम की पत्तियाँ व तेल की गोलियां रखने से कपडें नमी से खराब नहीं होतें ।
- अनाज मे नीम के पत्ते रखने से कीड़े नहीं लगते ।
नीम के इतने सारे फायदे होने के कारण इसे अमृत तुल्य माना जाता है।
मान्यता के अनुसार यह माँ दुर्गा का स्वरूप है जो हर तकलीफ़ को दूर कर देता है कहते है कि देवराज इन्द्र ने जब धरती पर अमृत छिड़का तो इससे नीम के पेड़ का जन्म हुआ और इसमें चमत्कारी गुण आ गए । नीम ऐसा वृक्ष है जिसमें गुणों की खान हैं। ये सबसे ज्यादा ऑक्सीजन देता है तथा रोगाणुओं को खत्म करता है। अगर अपने आंगन या घर के आस -पास नीम को लगाया जाए तो यह पूरे परिवार के लिए डॉक्टर के समान साबित होता है जो खुद आ कर देख - रेख करता है।
आइए जानें इसके गुणकारी लाभ -
- नीम की छाल का लेप प्रयोग करने से यह सभी प्रकार के चर्म रोगों व घावों के निवारण मे सहायता प्रदान करता है।
- नीम की दातुन करने से दांत व मसूड़े स्वस्थ्य रहते हैं।
- इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते है जो त्वचा पर उम्र के असर को कम करते है।
- हलाकि नीम की पत्तियां कड़वी होती है परतुं इसे चबाने से रक्त शोधन होता है और त्वचा विकार नहीं होता।
- इसकी पत्तियाँ पानी में उबाल उस पानी से नहाने से त्वचा हर प्रकार के संक्रमण से सुरक्षित रहती है।खासतौर से चेचक के समय नहाने से उसके विषाणु फैलने से यह रोकता है।
- नींबोली (नीम का छोटा सा फल ) और उसकी पत्तियों का तेल निकाल उस तेल से मालिश करना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
- बालों के डैंड्रफ व झड़ते बालों को रोकने के लिए इसकी पत्तियों का लगाने व पानी मे पत्ती डाल कर बाल धोने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- सोते समय दूध में नीम के तेल की कुछ बूंदे डालकर पीए तो ज्यादा पसीना आने तथा जलन होने सम्बन्धी विकारो से निजात मिलता है।
- कपडों मे नीम की पत्तियाँ व तेल की गोलियां रखने से कपडें नमी से खराब नहीं होतें ।
- अनाज मे नीम के पत्ते रखने से कीड़े नहीं लगते ।
नीम के इतने सारे फायदे होने के कारण इसे अमृत तुल्य माना जाता है।
अंजली चौहान
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