भारत जहाँ समलैंगिंक लोगो का साथ मे रहना "धारा377" के अनुसार एक दण्डनीय अपराध है,
वहीं आयरिश में एक "गे" मंत्रियों का प्रधान बनने जा रहा है। क्यों हम सिर्फ उन पश्चिमी सभ्यतयो को अपना रहे हैं जो सिर्फ शोऑफ़ का एक जरिया मात्र है।
क्यों हम अपनी सोच से अविकसित हैं? और शायद अगले 100 वर्षों तक हम ऐसे ही रहें( कुछ बदलाव तो होगा)।
हम भारत मे पहली ट्रांसजेंडर "सब इंस्पेक्टर" बनने पर उसका उदाहरण देतें हैं लेकिन इससे आगे क्या हम रेंग रेंग कर बढ़ेंगे....
वहीं आयरिश में एक "गे" मंत्रियों का प्रधान बनने जा रहा है। क्यों हम सिर्फ उन पश्चिमी सभ्यतयो को अपना रहे हैं जो सिर्फ शोऑफ़ का एक जरिया मात्र है।
क्यों हम अपनी सोच से अविकसित हैं? और शायद अगले 100 वर्षों तक हम ऐसे ही रहें( कुछ बदलाव तो होगा)।
हम भारत मे पहली ट्रांसजेंडर "सब इंस्पेक्टर" बनने पर उसका उदाहरण देतें हैं लेकिन इससे आगे क्या हम रेंग रेंग कर बढ़ेंगे....
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