Tuesday 31 July 2018

प्रेमचंद : एक दौर


    उर्दू और हिन्दी के महान भारतीय लेखक प्रेमचंद का जन्म आज के दिन 31 जुलाई 1880 में हुआ था इनका जन्म स्थल लमही ग्राम, वाराणसी , उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रेमचंद का हिन्दी साहित्य में जो योगदान हैं वह अतुल्यनीय हैं। उनके हिन्दी उपन्यास में दिए योगदान के कारण उन्हें उपन्यास सम्राट की उपाधि दी गई हैं। उन्होंने हिंदी में यथार्थवाद की शुरुआत की। प्रेमचंद ने सामाजिक विषयों पर रचनाएँ की जो सीधे समाज की व्यवस्था पर चोट करती है । वह विधवा - विवाह के समर्थक थे तथा उन्होंने अपना दूसरा विवाह अपनी प्रगातिशील परंपरा के अनुरूप बाल- विधवा शिवरानी देवी से किया । प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं से हिंदी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसनें पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया । वह संवेदनशील लेखक , कुशल वक्ता , विद्वान संपादक तथा सचेत नागरिक थे। उनकी सभी पुस्तकों के अंग्रेजी व उर्दू रुपांतरण तो हुए ही हैं , साथ  ही चीनी , रुसी आदि अनेक विदेशी भाषाओं में उनकी कहानियाँ लोकप्रिय हुई हैं। प्रेमचंद द्वारा रची गई कहानियाँ व उपन्यास अगामी पीढ़ी के लिए प्रेरणा श्रोत हैं।


                            अंजली चौहान

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