कुछ देखो अपने आस पास कैसे फसे हैं लोग आज ।
कहने को स्वतन्त्र हैं।।आज फिर भी कुछ ना काम काज ।
जीवन की इस पहेली में आज दूसरों की विचारों के साथ। ।
दूसरों की सुनने के बाद अपना कर ना पाएं काम काज।
कुछ देखो अपने आस पास।।।।।।।
जीवन की हर धारा के पास समाज के हर छोर के पास।
हो कर स्वतन्त्र आज फिर भी कर ना पाए काम काज
ऐसा ही है।कुछ अपना हाल।।
ऐसा ही है। कुछ अपना हाल।।
-:Sunny verma
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